Best 100+ Chai shayari | चाय शायरी

चाय भारत देश का बहुत ही प्रसिद्ध पेय पदार्थ है। जिसे बहुत से लोग पीना पसंद करते है। चाय लगभग सभी की पसंदीदा होती है। चाय दूध पानी और शक्कर को मिलाकर बनाई जाती है जब चाय में अदरक और इलाइची डाल दी जाती है तो चाय का स्वाद और ज्यादा बड़ जाता है। भारतीय समाज में जब भी कोई मेहमान घर पर आता है तो उसे चाय पिला कर उस का स्वागत और सम्मान किया जाता है। चाय पिलाने से लोगो के व्यवहार में मिठास आती है। चाय आज के समय में प्रेम व्यवहार का प्रतीक बन चुका है। आज के इस लेख में हम ने आप के साथ चाय शायरी साझा की है। यह Chai shayari Status आप सभी चाय के शौकीन व्यक्तियों को पसंद आएगी। मुझे लगता है की आप भी चाय के शौकीन है तभी आप इस लेख तक चाय शायरी सर्च करते हुए पहुंचे हो। अगर आप को चाय पसंद है तो आप को यह चाय शायरी बहुत ज्यादा पसंद आएगी। इस Chai shayari को आप को अपने व्हाट्सएप स्टेटस में शेयर करना चाहिए। जिस से लोगो को आप की पसंद के बारे में पता चलेगा कि आप को चाय बहुत ज्यादा पसंद है। आप को इस लेख में बहुत तरह की चाय शायरी हम ने आप के साथ साझा की है जैसे रोमांटिक चाय शायरी, कुल्हड़ चाय शायरी, शाम की चाय शायरी।

Chai shayari for instagram

Chai shayari | चाय शायरी

होंगे लाखों दीवाने उनके हुस्न के,
हम तो आज भी
सुबह की चाय के दीवाने हैं।

Chai shayari | चाय शायरी

लोगों को मिलता होगा सुकून इश्क से,
हमें तो सुबह की
चाय के बिना चैन नहीं।

Chai shayari | चाय शायरी

शाम की चाय की
आदत सी हो गई हो तुम,
लाख कोशिश कर लें
छोड़ने की पर तलब लग ही जाती है।

Chai shayari | चाय शायरी

अपनी मोहब्बत शाम की
चाय की तरह होती जा रही है,
दिन-ब-दिन कड़क और स्वाद में लाजवाब।

Chai shayari | चाय शायरी

अपनी जिंदगी का यही फलसफा है,
एक कप चाय
और बाकि नाम ए वफा है।

Chai shayari for girl

Chai shayari | चाय शायरी

तुम कॉफी मांगोगे तो हम चाय देंगे,
खूब उबल रही है जिंदगी हम भी हर घूंट का मजा लेंगे।

Chai shayari | चाय शायरी

आज फिर उसकी
यादों में ही खोए रह गए,
चाय तो पी ली पर
बिस्किट धरे के धरे रह गए।

Chai shayari | चाय शायरी

एक बात तो
सौ टका सच्ची है दोस्तों,
इश्क सुकून दे या न दे
चाय दिल को सुकून जरूर देती है।

Chai shayari | चाय शायरी

तुम कॉफी मांगोगे तो हम चाय देंगे,
खूब उबल रही है जिंदगी हम भी हर घूंट का मजा लेंगे।

Chai shayari | चाय शायरी

शाम की इक चाय
तुम्हारी, इक चाय हमारी,
कुछ किस्से तुम्हारे और कुछ किस्से हमारे।

रोमांटिक चाय पर शायरी

उसका पहला प्यार चाय था,
हम ये सुनते ही
उनसे इश्क कर बैठे।

पूरी रात सनम के नहीं
चाय के ख्वाब आते रहे,
लगता है तुमसे ज्यादा अब
चाय को चाहने लगे हैं हम।

सुबह फिर मेरी चाय
ज्यादा मीठी हो गई
तुम यूं बार-बार मुझे याद
न आया करो !

दोस्ती चाय पर शायरी

आज फिर चाय बनाते हुए
वो याद आया
आज फिर चाय में
पत्ती नहीं डाली मैं ने !

वो मिले भी तो चाय की
टपरी पर मिले,
अब हम इजहार-ए मोहब्बत करते या चाय पीते।

एक कड़क चाय और तुम
काफी है मेरी दिन भर की
थकान मिटाने के लिए !

 

वो सुबह भी क्या मस्त होगी,
जब आप साथ होंगी
और हाथों में चाय होगी !

घंटों तेरे साथ बैठकर,
बतियाना था
चाय की लत तो बस,
इक बहाना था।

सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो
पर मुंह बनाने में भी
तुम्हारा कोई जवाब नहीं !

तेरे साथ ही चली गई,
ज़िंदगी की मिठास
अब चाय फीकी ही,
पीया करते हैं हम।

चाय ☕️ की प्रकृति में
कुछ ऐसा है जो हमें
जीवन के शांत चिंतन की
दुनिया में ले जाता है

 

भगवान का शुक्र है
मैं चाय ☕️ से पहले
पैदा नहीं हुआ

चंद लम्हों में सदियाँ जीनी हैं
मुझे तेरे होंठों से
लगी चाय पीनी है।

चाय ☕️ उस तिजोरी की चाबी हैं जहां मेरा दिमाग रखा है

 

सुबह की शुरूआत हो, तुमसे पहली बात हो,
चाय से हो दिन मेरा,
और तुमसे मेरी रात हो।

 

आज फिर चाय बनाते हुए
वो याद आया
आज फिर चाय में
पत्ती नहीं डाली मैं ने

 

महोब्बत में तन्हाई अच्छी नहीं लगती
चाय कभी बिना चीनी के नहीं बनती

 

ये जनवरी का महीना
और ये सर्द शामें,
काश तुम मेरे पास होते तो
एक-एक चाय हो जाती।

एक हाथ में सिगरेट हो, एक मे हो चाय
दिन हो ऐसा
जब साथ हो सारे भाई

उसके लबों पर न जाने
कौन सा नशा था
चाय भी पिऊ तो
नशा उसी का रहता है।

रात को जागना हो जाता है मुश्किल उनका
जिनकी दिनचर्या में चाय की चुस्की नहीं होती

आज फिर तेरी यादों में बह गए,
चाय पी ली बिस्किट रह गए।

तुम चाय जैसी
मोहब्बत तो करो,
हम बिस्कुट की तरह
ना डूब जाए तो कहना।

न जाने क्यों मुझे
रुलाती है, मुझे तू नहीं
तेरे हाथों की चाय
बहुत याद आती है।

फीकी चाय पिला कर मीठी बातें करती है,
कुछ इस तरह से वह
चीनी की कमी पूरी करती है।

चाय पर शायरी 2 लाइन

नशा नहीं करते हम प्यार और शराब का
हमे तो बस नशा होता है कड़क चाय का।

जो वक़्त के साथ
बदल जाए, वो राय होती है,
जब ज़िंदगी में कुछ नहीं होता,
तब बस चाय होती है।

 

हलके में मत लेना तुम
सावले रंग को
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के।

 

गर्म चाय पीते हुए
अक्सर बीते वक्त में पहुंच जाते हैं..
कितने ही लोग चंद पैसों में ट्रैवल का मज़ा पाते हैं।

रिश्तों की चाय में शक्कर
ज़रा माप के ही रखना
ऐ दोस्त फीकी हुई तो स्वाद नही
आएगा,ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा

एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है,
एक कप चाय दिन
भर की थकान मिटा देती है.

इश्क़ और सुबह की चाय
दोनों एक समान होती हैं,
हर बार वही नयापन,
हर बार वही ताज़गी

 

अच्छा लगता है,
ढलते सूरज के साथ
छत पे चाय पीना,
अदरक की ख़ुश्बू के साथ कतरा-कतरा जीना।

शाम की चाय पर शायरी

शाम को जब मेरे लबों को
छू लेती है
चाय दिन भर की
थकान मिटा देती है।

शाम होते ही जिसका इंतेजार करते हैं,
उसी चाय को से हम बेइंतहाँ प्यार करते हैं।

कुछ इस तरह से खर्च हुई
तनख्वाह मेरी,
भारी सर्दी में चाय
बँटी हो जैसे।

उसे देख कर नियत
इस तरह मचल गई
चाय गरम थी
हमारी जीभ जल गई।

बैठे चाय की प्याली लेकर
पुराने किस्से गरम करने
चाय ठंङी होती गई और आँखे नम

हाथ में चाय और
यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की
क्या बात हो.

मैं पीसती रही इलायची, अदरख,
दालचीनीपर महक
चाय से तेरी यादों की आयी

ठण्ड का मौसम हो और
किसी की यादे हो सीने में,
फिर ऐसे मौसम में मजा आता है
गर्मा गरम चाय पीने में.

शाम जो हुई एक प्याली चाय याद आई.
तेरी चाहत की की महक मेरे घरोनदे तक आई.

शाम की चाय पे इंतजार है तुम्हारा…
आके अपने हाथों से पिला जाओ…!!!

सिगरटें चाय धुआँ रात गए तक बहसें,
और कोई फूल सा
आँचल कहीं नम होता है।

हल्के में मत लेना तुम
सांवले रंग को
दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने
शौकीन चाय के

लहजा थोड़ा ठडां रखे साहब
गर्म तो हमें सिर्फ़ चाय पसदं है

आज लफ्जों को मैंने
शाम की चाय पे बुलाया है
बन गयी बात तो गजल भी हो सकती

एक तेरा ख़्याल ही तो है
मेरे पास.
वरना कौन अकेले में
बैठे कर चाय पीता है.

ख़ुशनसीब है हमसे वह चाय की प्याली,
जो सुबह सुबह चूम लेती है तेरे होंटों की लाली..

सुनो !!!
चाय भी छूटती जा रही है अब धीरे-धीरे,
जैसे कि तुम दूर
होते जा रही हो..

एक कप कड़क चाय,
3 breakup का दर्द भुला देती है..

कुछ इस तरह से
शक्कर को बचा लिया करो,
#चाय जब पीओ हमें जहन में बैठा लिया करो.

एक तेरा ख़्याल ही तो है
मेरे पास.
वरना कौन अकेले में
बैठे कर चाय पीता है.

मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे..
तुम ख़ामोशी से कहना
हम चुपके से सुनेंगे.

जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के
नग्में को गुनगुनाता हूँ,
लब मुस्कुराते है
जब चाय का कप उठाता हूँ.

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Last Word:-
मुझे लगता है की आप को इस लेख की चाय शायरी पसंद आई होगी। अगर आप को चाय शायरी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तो के साथ भी शेयर करे। हमे आप बता सकते हो इन चाय शायरी में से आप को कौन सी चाय शायरी सब से ज्यादा पसंद आई है।

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